Rekha mishra

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लेखनी प्रतियोगिता -19-Feb-2022

          फितूर 

फितूर का होना भी  जरूरी है जनाब। 
यूँ हल्के में लेकर कहा किसी को 
मंज़िल मिल पाई है। 
ये जब भी चढ़ता है, 
इसकी अलग ही खुमारी है। 
या तो मिल ही जाएगा जो चाहिए। 
या वो छिन ही जाएगा। 
बात फितूर की है, इसमे 
तो अच्छे अच्छों ने 
जान तक गंवाई है। 
किसी भी चीज को पाना 
इतना भी आसान नई 
और फितूर जिनको भी 
चढ़ा उनके अंजाम भी 
हमने देखे है या तो 
कश्ती पार हो ही गई उनकी 
या कश्ती के साथ डूबना 
उनका अंजाम हुआ, 
जो हुआ सो हुआ। 
लेकिन कई ऐसे भी हैं 
जिन्हें फितूर के जरिए 
ही सब  कुछ नसीब हुआ। 
तो और चाहिए कुछ अजीज 
तो फितूर आप भी चढने दो 
इसकी अलग ही खुमारी है 

By-Rekha mishra 

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7 Comments

Shrishti pandey

20-Feb-2022 09:36 AM

Nice one

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Punam verma

20-Feb-2022 09:07 AM

Very nice

Reply

Rekha mishra

19-Feb-2022 08:27 PM

जी आप सभी का आशीर्वाद है और अच्छा लिखू। बस अपनी कृपा बनाये रखें 🙂

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